बंद दरवाज़ों के पीछे प्रमोशन, प्रोजेक्ट, सैलरी डिसीजन।
बाहर अफवाहों का बाज़ार गर्म।
“सुना है कुछ बड़ा होने वाला है…” ट्रस्ट धीरे-धीरे मर जाता है।
ओपन कल्चर का मतलब फ्री कॉफ़ी नहीं – मतलब ओपन डोर्स, ओपन टॉक, ओपन ट्रस्ट।
अच्छी कंपनियाँ सीक्रेट से नहीं, सच्ची बातचीत से बनती हैं।
आपके ऑफिस में फैसले खुले में होते हैं या बंद कमरों में? कमेंट करें।

